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Wednesday, 3 September 2025

“पंजाब बाढ़ का कहर: घग्गर-सतलुज उफान पर, जालंधर में घर ढहे — लाइव मानसून आपदा!”

“पंजाब बाढ़ का कहर: घग्गर-सतलुज उफान पर, जालंधर में घर ढहे — लाइव मानसून आपदा!”

पंजाब में मौजूदा मानसून ने एक ऐतिहासिक तबाही का रूप ले लिया है। राज्य सरकार ने पूरे पंजाब को "आपदा प्रभावित" घोषित कर दिया है, क्योंकि बाढ़ का पैमाना 1988 के विनाशकारी सैलाब से भी ज़्यादा बताया जा रहा है। 

राज्य के 23 जिलों में लगभग 1,400 गाँव जलमग्न हो चुके हैं और करीब 30 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। भारी तबाही की वजह से करोड़ों एकड़ फसलें नष्ट हो रही हैं और अब तक 20,000 से अधिक लोग निर्वासित हो चुके हैं। 

गंगग्र (Ghaggar) और सतलुज जैसी नदियाँ खतरे के निशान के पास पहुंच चुकी हैं, कई बाँधों का जलस्तर अत्यधिक बढ़ा है। 

जालंधर में सुबह‑सुबह ज़मीनें धंसने और घरों के गिरने की घटनाओं ने हालात और भयावह बना दिए हैं। प्रशासन ने तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी जारी की। 

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार से ₹60,000 करोड़ की राहत उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है ताकि प्रभावितों को तुरंत सहायता मिल सके। 

मुख्य बिंदु:

पूरे राज्य में बाढ़ की स्थिति भयावह, कई जिलों में जीवन अस्त-व्यस्त।

Ghaggar और Sutlej जैसी नदियाँ खतरे के निशान तक पहुंच गई हैं।

फसलें बर्बाद, ग्रामीण इलाकों में तबाही, मौतों का सिलसिला जारी।

सरकार बचाव, राहत और वित्तीय सहायता के लिए सक्रिय।

इस संकट के बीच, स्थानीय प्रशासन और सरकार की तरफ से जारी सतर्कता और बचाव प्रयास ज़िंदगी बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।


Saturday, 23 August 2025

ऑक्सीजन सपोर्ट पर मरीज; स्ट्रेचर से सड़क पार—अंबिकापुर में 300 मीटर खींचकर हॉस्पिटल, परिजन बोले: एंबुलेंस थी, ड्राइवर नहीं

अंबिकापुर में ऑक्सीजन सपोर्ट पर महिला मरीज को परिजन स्ट्रेचर से 300 मीटर खींचकर हॉस्पिटल बिल्डिंग ले गए। परिजनों ने कहा—एंबुलेंस थी, ड्राइवर नहीं था। वीडियो सामने आया।
अंबिकापुर में ऑक्सीजन सपोर्ट पर महिला मरीज को परिजन स्ट्रेचर से 300 मीटर खींचकर अस्पताल भवन तक ले गए। परिजनों ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस मौजूद थी, मगर ड्राइवर नहीं मिला; घटना का वीडियो सामने आया है। पुलिस/प्रशासन की आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतज़ार है। 

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Monday, 31 March 2025

नोएडा : लैंबॉर्गिनी कार ने कई मजदूरों को कुचला

https://youtube.com/shorts/3RJh2iwEnL0?feature=share

नोएडा में लैंबॉर्गिनी कार हादसा: मजदूरों की मौत से सड़क सुरक्षा पर सवाल

नोएडा एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसा

नोएडा में हाल ही में एक चौंकाने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक लग्जरी लैंबॉर्गिनी कार की चपेट में आने से मजदूरों की जान चली गई। यह घटना नोएडा एक्सप्रेसवे पर हुई, जहां एक स्विफ्ट डिजायर कार ने लेन बदलते समय लैंबॉर्गिनी को ओवरटेक करने की कोशिश की। लैंबॉर्गिनी चालक ने अपनी गाड़ी को बचाने के प्रयास में एक इको वैन को जोरदार टक्कर मार दी। नतीजतन, इको वैन सड़क किनारे नाले में जा गिरी, और उसमें सवार एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई।  

ग्रेटर नोएडा में तेज रफ्तार कार का कहर

इसके अलावा, ग्रेटर नोएडा के अल्फा-2 सेक्टर में एक अन्य दुखद घटना सामने आई। यहां एक तेज रफ्तार कार ने सड़क किनारे खड़े मजदूरों को टक्कर मार दी। इस हादसे में एक महिला और एक पुरुष की मौत हो गई, जबकि एक अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।  

सड़क सुरक्षा पर बढ़ती चिंताएं

इन हादसों ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तेज रफ्तार, लापरवाह ड्राइविंग, और यातायात नियमों की अनदेखी के कारण ऐसे हादसे बढ़ रहे हैं। खासकर पैदल चलने वाले और सड़क किनारे काम करने वाले मजदूरों की जान जोखिम में पड़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि सख्त नियमों और जागरूकता अभियानों की सख्त जरूरत है।  

प्रशासन की कार्रवाई और जांच

नोएडा पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने दोनों मामलों में जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के मुताबिक, लैंबॉर्गिनी और अन्य वाहन चालकों के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया है। साथ ही, सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नए नियमों और ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम पर काम शुरू करने की बात कही जा रही है।  

सड़क हादसों को रोकने के लिए सुझाव

तेज रफ्तार पर नियंत्रण: हाईवे और व्यस्त सड़कों पर स्पीड कैमरे और चेकपॉइंट्स बढ़ाए जाएं।  

जागरूकता अभियान: ड्राइवरों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए कैंपेन चलाए जाएं।  

सुरक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर: पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ और ओवरब्रिज की व्यवस्था की जाए।

निष्कर्ष

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हाल के सड़क हादसों ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा की जरूरत को रेखांकित किया है। इन घटनाओं से सबक लेते हुए प्रशासन और नागरिकों को मिलकर यातायात नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना होगा। तभी भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सकेगा।  

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