पंजाब में बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है, जहाँ 9 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और 1018 गांव प्रभावित हुए हैं। लोगों के घर और खेत डूब गए हैं, जिससे व्यापक कृषि एवं जीवन व्यवस्था प्रभावित हुई है। बचाव और राहत कार्यों में सरकार ने एनडीआरएफ की 11 टीमें तैनात की हैं, साथ ही चार जिलों में सेना की टीमें भी सहायता में सक्रिय हैं ।
रावी नदी का जलस्तर अत्यधिक बढ़ने से गुरदासपुर के घोनेवाले क्षेत्र में धुस्सी बांध टूट गया, जिसके परिणामस्वरूप पानी लगभग 15 किलोमीटर दूर अजनाला शहर तक पहुँच गया है । इस आपदा से कई गांव जलमग्न हो गए हैं, जिसका असर अब शहर के निचले इलाकों तक विस्तृत हो चुका है ।
इसके साथ ही यह बाढ़ 1985-88 के बाद पंजाब में आई सबसे भीषण आपदा मानी जा रही है। इसमें लगभग 3 लाख एकड़ कृषि भूमि तबाह हो गई है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक क्षति हुई है। राज्य सरकार ने केंद्र पर समय पर सहायता न मिलने के कारण स्थिति बिगड़ने का आरोप भी लगाया है ।
मौसम विभाग ने अगले 24–48 घंटों में भी पंजाब के कई हिस्सों में भारी बारिश का ऑरेंज या येलो अलर्ट जारी किया है, खासकर सीमावर्ती पठानकोट, होशियारपुर और रूपनगर जिलों में ।
No comments:
Post a Comment