जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बादल फटने से तबाही
कठुआ जिले में एक ही दिन तीन जगह बादल फटे।
भारी बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर आ गए।
स्थानीय प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
मरने वालों की संख्या 7 तक पहुंच गई है।
हिमाचल के कुल्लू में बादल फटने से हालात खराब
कुल्लू जिले में तेज बारिश और बादल फटने से मकान व सड़कें बह गईं।
कई गांवों का संपर्क टूटा।
प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।
बादल फटने का कारण क्या होता है?
जब किसी स्थान पर अचानक बहुत ज्यादा नमी इकट्ठा हो जाती है और एक बार में तेज बारिश होती है, तो उसे बादल फटना कहते हैं।
यह पहाड़ी इलाकों में ज्यादा होता है।
सरकार और प्रशासन की कार्रवाई
NDRF और SDRF की टीमें मौके पर पहुंचीं।
राहत और बचाव कार्य जारी है।
लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया।
प्रभावित लोगों की स्थिति और नुकसान
दर्जनों घर और दुकानें क्षतिग्रस्त।
खेती की जमीन बह गई।
स्कूलों और मुख्य सड़कों को बंद करना पड़ा।
विशेषज्ञों की चेतावनी
मौसम विभाग ने आगे भी भारी बारिश का अलर्ट दिया।
पहाड़ी इलाकों में यात्रा करने से बचने की सलाह दी गई है।
Q1: बादल फटने की सबसे ज्यादा घटनाएं कहाँ होती हैं?
👉 आमतौर पर हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में।
Q2: बादल फटने पर क्या करना चाहिए?
👉 निचले इलाकों और नदी किनारे से दूर रहें।
Q3: क्या जलवायु परिवर्तन बादल फटने का कारण है?
👉 हाँ, विशेषज्ञों के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग और बदलते मौसम पैटर्न इसका कारण हो सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से एक बार फिर से प्राकृतिक आपदा की भयावहता सामने आई है। सरकार और प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
👉 आप पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं? बारिश और बादल फटने को लेकर आपके अनुभव क्या हैं? कमेंट में बताइए।
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